बंगाल के मंसूर के वेंकटप्पा

 

 के वेंकटप्पा K venktappa


जन्म– 1887, मैसूर
पूरा नाम – कृष्ण गारा वेंकटप्पा
प्रारंभिक शिक्षा – शिवराज टेक्निकल स्कूल ऑफ आर्ट मैसूर उसके बाद मद्रास।
उच्च शिक्षा– कोलकाता में अवनींद्र नाथ व पर्सी ब्राउन के संरक्षण में
शिक्षक– मैसूर


प्रभावित– राजस्थानी, मुगल लघु चित्रों से
रंग विधान–  मधुर चमकीला
माध्यम – टेंपरा,
कार्य –चित्रकार, मूर्तिकार,
विषयवस्तु– ऐतिहासिक, पौराणिक व दृश्य चित्र।

  • 1962– ललित कला अकेडमी का फेलोशिप प्राप्त
  • 1910 अजंता के चित्रों की अनुकृति
  • 1965 मृत्यु के बाद कर्नाटक सरकार ने वेंकटप्पा आर्ट गैलरी स्थापित की
  • 1930 मैसूर के अंबा विलास हाल के लिए हाथी दांत पर दो चित्र बनाएं

  • इनके पूर्वज विजयनगर के दरबारी चित्रकार थे जो स्वर्ण पत्र पर अलंकरण का कार्य करते थे
  • उन्होंने अपनी कला का आरंभ वाश पद्धति से किया
  • इन्होंने मैसूर के राजा कृष्ण राज वुडियर के यहां चित्र बनाएं, जिसमें भिक्षा मांगते बुद्ध, राम से अंगूठी लेते हनुमान चित्र बनाए।


व्यक्ति चित्र:–
अवनींद्र नाथ
रामास्वामी मुडालियर


चित्र:–
स्वर्ण मृग
शंकराचार्य
महाशिवरात्रि
बुद्ध व शिष्य
टीपू सुल्तान
अर्धनारीश्वर
सबीहे मासी
वीणा मतवाली
पक्षी का अध्ययन
ऊटी कूड़ाई कैनाल के दृश्य –1917–34 , भित्ति चित्र

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